The best Side of shiv chalisa lyrics in hindi
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत्
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत्